A REVIEW OF HINDI STORIES

A Review Of Hindi stories

A Review Of Hindi stories

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अचानक हिरण का झुंड तालाब में पानी पीने आया। ढेर सारी हिरनिया अपने बच्चों के साथ पानी पीने आई थी।

भावार्थ:-अक्षरों, अर्थ समूहों, रसों, छन्दों और मंगलों को करने...

नीलाम्बर मुर्दे जलाने, कीर्तन करने, ढोल बजाने और गांजे का दम भरने में बेजोड़ था। उसका कद लम्बा, बदन गोरा, बहुत ही...

यह बच्चों के लिए एक दक्षिण भारतीय लोक कथा है

एक समय की बात है, एक गांव में ढेर सारे मुर्गे रहते थे। गांव के बच्चे ने किसी एक मुर्गे को तंग कर दिया था। मुर्गा परेशान हो गया, उसने सोचा अगले दिन सुबह मैं आवाज नहीं करूंगा। सब सोते रहेंगे तब मेरी अहमियत सबको समझ में आएगी, और मुझे तंग नहीं करेंगे। मुर्गा अगली सुबह कुछ नहीं बोला। सभी लोग समय पर उठ कर अपने-अपने काम में लग गए इस पर मुर्गे को समझ में आ गया कि किसी के बिना कोई काम नहीं रुकता। सबका काम चलता रहता है।

डर के मारे कोई पशु उसके पास नहीं जाते थे ।

वह गाय इतनी प्यारी थी, मोती को देखकर बहुत खुश हो जाती ।

विशाल रोता-रोता वापस तालाब में गया और कवच को पहन लिया। कम से कम कवच से जान तो बचती है।

राजू पार्क में उदास बैठा था , आज उसके दोस्त खेलने नहीं आए थे। राजू के पास एक गेंद थी , किंतु बैट और मित्र नहीं थे। वह अकेले ही गेंद के साथ मायूसी से खेल रहा था। पार्क में अन्य बालक भी क्रिकेट खेल रहे थे , किंतु राजू उन्हें जानता नहीं था। इसलिए वह अकेला ही कभी गेंद से खेलता और कभी बैठ कर उन बालकों को खेलता हुआ देखता रहता।

मोर की याद में जो आंसू का-संगी ने बहाये, वह मोर के पंखो पर गिरे और रंग बिरंगे निशान छोड़ गए, जो आज भी मोर के पंखो पर देखे जा सकते हैं।

अब्दुल काफी परेशान हो गया था , उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह इस शरारत से कैसे बचे।

कहानी short stories hindi एक बड़ा सबक देती है कि हमें अपने दोस्तों का चयन बहुत ध्यान से करना चाहिए।

बुरे काम का बुरा ही नतीजा होता है बुरे कामों से बचना चाहिए।

रात के दो बज रहे थे और विराट मेघालय और असम बॉर्डर के बीच पड़ने वाली किशनोईनदी पार कर रहा था। दूर-दूर तक अंधेरा छाया हुआ था। एक गहरे सन्नाटे नेकिशनोई नदी को घेर के रखा हुआ था और उसी...

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